(बिलासपुर)उप संचालक कृषि ने बताय कि किस तरह किसान असली और नकली खाद में अंतर कर सकते हैं। उन्होंने पहचान के कुछ आसान तरीके बताएं है। इन दिनों खरीफ फसलों की बुवाई चालू होने वाला है। ऐसे में ज्यादातर किसान डीएपी, यूरिया आदि उर्वरक डालकर ही बुवाई करते हैं। किसान को नुकसान तब होता है जब ज्यादा से ज्यादा खाद डालने के बाद भी अच्छी पैदावार नहीं मिलती है। सबसे ज्यादा जिम्मेदार कहीं ना कहीं नकली खाद होती है। इस मिलावट के दौर में किसानों को ये फिक्र रहता है कि जो खाद (Fertilizer) वह अपने पेड़-पौधों पर ड़ाल रहें है क्या वो असली है या नकली। ऐसे में नकली खाद की पहचान करना बहुत ज्यादा जरूरी है।
डीएपी खाद की पहचान:- इसके कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलें। अगर उसमें से तेज गंध निकले जिसे सूंघना मुश्किल हो जाये तो समझें कि ये डीएपी असली है। एक दूसरी विधि भी है। डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें यदि ये दाने फूल जाते है तो समझ लें यही असली डीएपी है। उधर नकली डीएपी खाद सख्त, दानेदार और भूरे व काले रंग की होती है। अगर आप इसको अपने नाखूनों से तोड़ने की कोशिश करेंगे तो यह आसानी से नहीं टूटेगा। तो आप समझ लीजिए यह नकली खाद है।
यूरिया खाद की पहचानः- यूरिया के दाने सफेद और चमकदार होते हैं। आकार में एक समान व गोल आकार के होते हैं। यह पानी मे पूरी तरह से घुल जाते हैं। असली यूरिया के घोल को छूने पर ठंडा महसूस होता है। उधर नकली यूरिया खाद के दानों को तवे पर गर्म करके देखें, यदि इसके दाने पिघलें नहीं तो समझो यह यूरिया खाद नकली है। क्योंकि असली यूरिया के दाने गर्म करने पर आसानी से पिघल जाती हैं।
सुपर फास्फेट (राखड़) खाद की पहचानः- यह खाद पावड़र और दानेदार के रूप में मिलता है, इसकी असली पहचान इसके सख्त दाने और इसका भूरा काला बादामी रंग होता है। इसके कुछ दानों को तवा में गर्म करें अगर ये नहीं फूलते है तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है। ध्यान रखें कि गर्म करने पर डीएपी व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के नहीं इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है। सुपर फास्फेट नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है। ध्यान रखें इस दानेदार उर्वरक में मिलावट बहुधा डीएपी व एनपीके मिक्स्चर उर्वरकों के साथ की जाने की संभावना बनी रहती है।
पोटाश खाद की पहचानः-असली पोटाश के दाने हमेशा खिले-खिले रहते हैं। पोटाश की असली पहचान इसका सफेद नमक व लाल मिर्च जैसा मिश्रण ही होता है। उधर नकली पोटाश की पहचान के लिए आप उसके दानों पर पानी की कुछ बूंदे डाल दें, इसके बाद अगर ये आपस मे चिपक जाते हैं तो समझ लेना कि ये नकली पोटाश है। क्योंकि पोटाश के दाने पानी मे डालने पर कभी भी नहीं चिपकते हैं। अपने खेत में खाद डालने के लिए किसान भाई खाद खरीदने से पहले इसी तरह असली और नकली खाद की पहचान जरूर कर लें। पोटाश पानी में घुलने पर इसका लाल भाग पानी में ऊपर तैरता रहता है।
जिंक सल्फेट (सूक्ष्म पोषक तत्व) खाद की पहचान:-इसकी असली पहचान इसके दाने हल्के सफेद पीले तथा भूरे बारीक कण के आकार के होते है। जिंक सल्फेट में प्रमुख रूप से मैगनीशियम सल्फेट की मिलावट की जाती है। भौतिक रूप से सामान्य होने के कारण इसके असली व नकली की पहचान करना कठिन होता है। डीएपी के घोल मे जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बनाया जाता है। जबकि डीएपी के घोल में मैगनीशियम सल्फेट का घोल मिलाने पर ऐसा नही होता है। अगर जिंक सल्फेट के घोल में पलती कास्टिक का घोल मिलायें तो सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है। अगर इसमें गाढ़ा कास्टिक का घोल मिला दें तो ये अवशेष पूर्णतया घुल जाता है। अगर जिकं सल्फेट की जगह पर मैगनीशियम सल्फेट का प्रयोग किया जाए तो अवशेष नहीं घुलता है।
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